रुड़की से शिक्षा जगत की बड़ी खबर — मदरहुड विश्वविद्यालय में मानवाधिकार विषय पर विशेष व्याख्यान आयोजित

रुड़की। मदरहुड विश्वविद्यालय रुड़की के विधि संकाय द्वारा “आज के परिवेश में मानवाधिकार की प्रासंगिकता” विषय पर एक महत्वपूर्ण व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों को मानवाधिकार और उससे जुड़े आधुनिक संदर्भों पर विस्तृत जानकारी दी गई।

कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. नरेंद्र शर्मा ने किया। उन्होंने विद्यार्थियों को मानवाधिकार विषय पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मानवाधिकार की शिक्षा और जागरूकता समाज में शांति, न्याय और समानता की स्थापना के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे मानवाधिकारों को केवल पढ़ें ही नहीं, बल्कि दैनिक जीवन में उसका पालन भी करें।

विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ. जयशंकर प्रसाद श्रीवास्तव ने विषय पर अपनी गहन बात रखते हुए कहा कि बदलते सामाजिक एवं वैश्विक परिवेश में मानवाधिकारों की प्रासंगिकता लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे व्याख्यान न केवल विद्यार्थियों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करते हैं, बल्कि उन्हें समाज में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए भी प्रेरित करते हैं।

कार्यक्रम में विधि संकाय के सभी सदस्य—प्रोफेसर डॉ. नीरज मलिक, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. विकास तिवारी, डॉ. जूली गर्ग, सतीश कुमार, सुजीत तिवारी, राहुल वर्मा, रुद्रांश, आनंदित चटर्जी, रेनू तोमर, व्यंजना सैनी, आयुषी, स्नेहा और संविधा—उपस्थित रहे।

मंच संचालन विवेक कुमार ने किया, जिन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विद्यार्थियों को मानवाधिकारों के महत्व और इसकी वर्तमान समय में प्रासंगिकता के बारे में जानकारी दी।

व्याख्यान के माध्यम से विद्यार्थियों को मानवाधिकार विषय की गहरी समझ मिली और कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
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