रुड़की।
मदरहुड विश्वविद्यालय में "नई राहें 2025" सफलतापूर्वक सम्पन्न
नए जोश, नई उम्मीदों और नए सपनों के साथ नवागंतुकों ने रखा विश्वविद्यालयी जीवन में पहला कदम!
रुड़की। रुड़की स्थित मदरहुड विश्वविद्यालय में 18 से 20 अगस्त 2025 तक तीन दिवसीय "नई राहें 2025" उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन बड़े ही जोर-शोर और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। विश्वविद्यालय परिसर इन तीन दिनों तक उमंग, ऊर्जा और स्वागत गीतों से गूंजता रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत में कुलपति प्रो. डॉ.नरेंद्र शर्मा ने विद्यार्थियों को दिल से शुभकामनाएं देते हुए कहा,
> यह सिर्फ एक शैक्षणिक यात्रा नहीं, बल्कि आत्म-खोज और व्यक्तित्व विकास की शुरुआत है!"
उन्होंने कॉलेज को एक ऐसे मंच के रूप में परिभाषित किया जहाँ छात्र केवल किताबों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि जीवन की नई राहें तलाशते हैं।
कुलसचिव अजय गोपाल शर्मा ने मदरहुड विश्वविद्यालय के 11 संकायों और 45 विभागों की झलक पेश की और बताया कि यह संस्थान किस तरह उत्तराखंड के पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगा रहा है। वहीं, विश्वविद्यालय के शोध और प्लेसमेंट की सफलता की कहानियां भी साझा की गईं।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. अनुपम गुप्ता ने छात्रों को परीक्षा और प्रोमोशन के नियमों की बारीकियों से रूबरू कराया, जबकि प्रो. (डॉ.) विकास गुप्ता ने लाइब्रेरी की चकाचौंध भरी दुनिया से अवगत कराया—जहाँ किताबें ही नहीं, ई-लाइब्रेरी भी ज्ञान की खिड़कियाँ खोलती हैं।
छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) कृष्ण पाल ने बताया कि विश्वविद्यालय छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, मुफ्त बस सेवा जैसी सुविधाओं से लैस है और लगातार छात्र हित में नई योजनाएँ लागू की जा रही हैं।
तीनों दिनों में अलग-अलग फैकल्टी के छात्रों का अलग-अलग सेशन हुआ—
18 अगस्त को फार्मेसी, नर्सिंग, साइंस और पैरामेडिकल के छात्र
19 अगस्त को लीगल स्टडीज़, इंजीनियरिंग, एजुकेशन, आर्ट्स व सोशल साइंस के छात्र
20 अगस्त को एग्रीकल्चर, कंप्यूटर साइंस और कॉमर्स एंड बिजनेस स्टडीज के छात्र उन्मुखीकरण कार्यक्रम का हिस्सा बने।
प्रत्येक नवप्रवेशित छात्र को पाठ्यक्रम, दस्तावेजी प्रारूप और अध्ययन सामग्री से लैस किया गया, ताकि उनका आरंभिक सफर हो शानदार। अंत में सभी संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष और शिक्षकगणों ने विद्यार्थियों का अभिनंदन करते हुए उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
"नई राहें 2025" ने न सिर्फ छात्रों को दिशा दी, बल्कि उनके भीतर एक नई ऊर्जा, आत्मविश्वास और उत्साह का संचार किया—जो उन्हें उनकी मंज़िल तक जरूर ले जाएगा।
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