रुड़की-जबलपुर की दोस्ती अब किताबों और शोध तक पहुंची
शिक्षा का नया अध्याय, मदरहुड यूनिवर्सिटी और जीजीसीई जबलपुर ने किया समझौता!
रुड़की। रुड़की की मदरहुड यूनिवर्सिटी और जबलपुर के ज्ञान गंगा कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के बीच अब दोस्ती और मजबूत हो गई है, वो भी एक पक्के समझौते (MOU) के साथ। इस समझौते का मकसद है — पढ़ाई-लिखाई, रिसर्च, ट्रेनिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मिलकर आगे बढ़ना।
इस मौके पर मदरहुड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. डॉ. नरेंद्र शर्मा ने जी.जी.सी.ई. की प्राचार्या डा. कीर्ति विश्वकर्मा को बधाई दी और कहा – अब बच्चे सिर्फ किताबें नहीं पढ़ेंगे, नए-नए एक्सपेरिमेंट्स करेंगे और अपनी स्किल्स में चार चांद लगाएंगे।
इस एमओयू के जरिए अब दोनों संस्थाएं मिलकर –
रिसर्च में हाथ बढ़ाएंगी
फैकल्टी और स्टूडेंट्स को ट्रेन करेंगी
मिलकर कॉन्फ्रेंस, सेमिनार और वर्कशॉप्स कराएंगी
और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से शिक्षा को मजेदार बनाएंगी।
फैकल्टी ऑफ आर्ट्स, ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज के डीन प्रो. (डॉ.) श्रीपाल चौहान ने बताया कि इस समझौते की नींव रखने में डा. कीर्ति विश्वकर्मा जी की अहम भूमिका रही।
🎓 *मौके पर मौजूद रहे शिक्षा जगत के कई चेहरे:*
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मदरहुड यूनिवर्सिटी से – डॉ. अलका रानी, डॉ. वंदना श्रीवास्तव, डॉ. राजीव कुमार, श्री अमित कुमार, श्री दुनेश सिंह नेगी और मोनिका कालरा
ज्ञान गंगा कॉलेज, जबलपुर से – डॉ. वंदना तिवारी, डॉ. अर्चना लुकास, लेफ्टिनेंट नितिन गीते, डॉ. सतवीर कौर अहलूवालिया, डॉ. नीता और डॉ. पप्पी चौहान
तो अब किताबों से आगे की बात होगी, सीखने का नया दौर शुरू होगा – और दोनों संस्थाएं मिलकर छात्रों के भविष्य को चमकाने में जुट जाएंगी।
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